बालकनी पर 18 साल की एक जवान और उग्र पड़ोसन को पकड़ा, उसकी प्यारी सी जगह पर नाचती हुई उंगलियां.अपनी बालकनी से मैंने उसे खुद आनंदित होते देखा, बेखबर.अप्रत्याशित रूप से, हमारी आंखें मिलीं, झटका का एक छोटा सा पल, फिर वह जारी रही, अपरिपक्व। एक रोमांचकारी, अंतरंग मुठभेड़।