एक युवा गाँव की लड़की अपने परिवार के दूर रहने पर आत्म-आनंद में लिप्त होती है। वह कुशलतापूर्वक अपने शरीर को नाजुक स्पर्श से तलाशती है। जैसे ही वह एक शक्तिशाली चरमोत्कर्ष पर पहुँचती है, उसकी कराहें कमरे को भर देती हैं, जिससे उसकी सांसें थम जाती हैं और वह संतुष्ट हो जाती है।