मुझे अपनी रोज की प्रार्थनाओं में सुकून मिलता है, शांति और अंतरंगता का अभयारण्य। मेरे हाथ मेरे शरीर को सहलाते हैं, आत्म-प्रेम का एक पवित्र कार्य करते हैं। प्रत्येक गति एक प्रार्थना है, मेरे अपने आनंद के लिए एक भजन है, परमानंद में विश्वास की शक्ति का प्रमाण है।