जैसे ही मैं यूं ही मौसी के ऊपर छाई, मेरे सौतेले बेटे की उत्तेजना जाहिर हो गयी.घुसपैठते हुए मैंने उसकी उत्तेजने को लेकर उसे छेड़ा.उसका चेहरा खिल उठा, फिर भी वो चुप रहा.हमारी भारी सांसों से कमरा गूंज उठा, तनाव की लहर दौड़ गयी.प्रलोभन का खेल शुरू हो गया था.