हर चार हफ्ते में वो आत्मग्लानि में लिप्त होती है।

हर चार हफ्ते में वो आत्मग्लानि में लिप्त होती है।
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  • 1 साल पहले
  • प्रतिवेदन

      हर चौथे शुक्रवार को, वह चीर-फाड़ कर ध्यान आकर्षित करती है। वह आत्म-आनंद में लिप्त होती है, अपनी उंगलियों से अपने गीले सिलवटों का पता लगाती है। कैमरा उसकी अंतरंग यात्रा को कैद करता है, उसकी कच्ची, अनफ़िल्टर्ड परमानंद को साझा करता है।
  • मूठ मारना

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