एक मेषबीबीडब्ल्यू आत्म-आनंद में लिप्त है, उसकी उंगलियां एक खिलौने से उसके उभारों पर नृत्य कर रही हैं। वह अनायास ही हर पल का आनंद ले रही है, जब वह परमानंद की लहरों की सवारी करती है तो उसकी कराहें कमरे में भर जाती हैं। यह उसकी आनंद की दुनिया में एक कच्ची, अंतरंग यात्रा है।